स्वामी शिवानंद सरस्वती



Adhyatma Yoga
The attainment of God-realisation is the goal of human life. Great seers, saints and sages have been from time immemorial voicing this truth ...
Adhyatma Yoga

Jaap Yoga
Chanting means repeating a mantra or the name of God again and again. In this Kali Yuga, when The body strength of most people is not the same as before.
Jaap Yoga

Srimad Bhagvad Gita
Original Sanskrit text, semantics, translation and interpretation By : Sri Swami Shivanand Saraswati
Srimad Bhagvad Gita

Guru Pada Puja
Sri Swami Shivananda was born on 8 September 1887 in the prestigious family of Saint Appaya Dikshitar and many other famous saints and scholars. He had an innate tendency to live a life dedicated to the study and ideals of Vedanta;
Guru Pada Puja

दिव्य योग
योगाभ्यास के महत्त्व को उजागर करते हुए गुरुदेव श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज कहते हैं, "प्रतिदिन मात्र 15 मिनट के लिए निरन्तर योगाभ्यास सभी को पूर्ण रूप से स्वस्थ रख सकता है।"
दिव्य योग

श्रीमद्भगवद्गीता भाग १
यह पुस्तक 'सत्संग भजन माला' यहाँ की पूर्व-प्रकाशित पुस्तकों 'प्रार्थना-मंजरी' तथा 'शिवानन्दाश्रम-भजनावली' का संयुक्त तथा परिवर्धित रूप है। इसमें स्तोत्र, भजन आदि को नये क्रम से रखा गया है। जो गीत, भजन अथवा स्तोत्र जिस दिन गाये जाते हैं,
श्रीमद्भगवद्गीता भाग 1

श्रीमद्भगवद्गीता भाग 2
यह पुस्तक 'सत्संग भजन माला' यहाँ की पूर्व-प्रकाशित पुस्तकों 'प्रार्थना-मंजरी' तथा 'शिवानन्दाश्रम-भजनावली'.....
श्रीमद्भगवद्गीता भाग 2

योग-सन्दर्शिका
'योग' शब्द का अर्थ बहुत विस्तृत है। अधिकांश व्यक्ति हठयोग या राजयोग (अष्टांगयोग) को ही योग मानते हैं। यद्यपि योग के बारे में बहुत-कुछ लिखा जा चुका है, तथापि एक सामान्य व्यक्ति के लिए योग अब भी एक रहस्य है।
योग-सन्दर्शिका

डॉक्टर धर्मभूषण
श्री श्री गुरुदेव स्वामी शिवानन्द जी महाराज के ऐसे कई जीवन-चरित लिखे जा चुके हैं, जिनमें इनके संन्यस्त जीवन की अनेक विशिष्टताओं का चित्रण मिलता है। पूर्वाश्रम-जीवन-वृत्त जानने का सद्सौभाग्य हमें अभी तक प्राप्त नहीं हो पाया था। केवल कुछेक को ही उसकी जानकारी रही; और गुरुदेव ने स्वयं तो अपने पूर्व समय के बारे में कभी कुछ बताया ही नहीं।
डॉक्टर धर्मभूषण

The Son of the East and the Sun of the West
It is very rare to find such a Synthetic Yogi as Swami Krishnanandaji.
The Son of the East and ...

शिवानन्द-आत्मकथा
सन्त का जीवन सभी के लिए आदर्श है, जिसका अनुगमन कर सभी अपने जीवन को उन्नत बना सकते हैं। इस पुस्तक में दिव्य जीवन के पाठ खोल कर रख दिये गये हैं।
शिवानन्द-आत्मकथा

धनवान् कैसे बनें
समृद्धि, शान्ति और आनन्द की खोज करने वाले समस्त जनों को समर्पित !
धनवान् कैसे बनें

डॉक्टर धर्मभूषण
श्री श्री गुरुदेव स्वामी शिवानन्द जी महाराज के ऐसे कई जीवन-चरित लिखे जा चुके हैं, जिनमें इनके संन्यस्त जीवन की अनेक विशिष्टताओं का चित्रण मिलता है। पूर्वाश्रम-जीवन-वृत्त जानने का सद्सौभाग्य हमें अभी तक प्राप्त नहीं हो पाया था। केवल कुछेक को ही उसकी जानकारी रही; और गुरुदेव ने स्वयं तो अपने पूर्व समय के बारे में कभी कुछ बताया ही नहीं।
डॉक्टर धर्मभूषण

भगवान् का मातृरुप
करुणामयी माँ के चरण कमलों में कोटि-कोटि प्रणाम! जगज्जननी माँ की जय हो! पार्वती, लक्ष्मी तथा सरस्वती-रूपा माँ के श्रीचरणों में हमारा श्रद्धा एवं भक्तिपूर्ण प्रणाम! वह आद्यशक्ति, पराशक्ति तथा सच्चिदानन्दमयी है। परब्रह्मस्वरूपिणी माँ काली की जय हो! शक्ति, सौन्दर्य तथा सौभाग्य-रूप में तुम स्वरूपतः परब्रह्म का ही प्रकाश हो।
भगवान् का मातृरुप

अध्यात्म-प्रसून
पूज्य श्री स्वामी चिदानन्द जी महाराज की षष्ट्यब्दपूर्ति के अवसर पर प्रकाशित दश लघु पुस्तिकाओं से संकलित उनके लेख इस पुस्तक में प्रस्तुत किये गये हैं। ये लेख ऐसे अध्यात्म-प्रसून के समान हैं, जिनकी सुगन्धि कभी कम नहीं होती तथा जिनका सौन्दर्य कभी बासी नहीं पड़ता।
अध्यात्म-प्रसून

चिदानन्दम्
सद्गुरुभगवान् श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज के अभिन्नरूप श्री स्वामी चिदानन्द जी महाराज की 'प्रथम पुण्यतिथि आराधना' पर प्रकाशित 'चिदानन्दम्' स्मृतिग्रन्थ
चिदानन्दम्

हिंदू-दर्शन
धर्म सिर्फ एक प्रस्ताव या सूत्र नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य व्यक्ति को इस योग्य बनाना है कि वह स्वयं में ईश्वर की अनुभूति कर सके तथा स्वयं को उसकी एकात्मकता के साथ विकसित करे।
हिंदू-दर्शन

हिंदुत्व
हिंदुत्व एक ऐसा शब्द है, जो संपूर्ण मानवजाति के लिए आज भी असामान्य स्फूर्ति तथा चैतन्य का स्रोत बना हुआ है। इसी हिंदुत्व के असंदिग्ध स्वरूप तथा आशय का ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास आज हम करने जा रहे हैं।
हिंदुत्व

ज्योति पथ की ओर
जीवन का उद्देश्य अपने वास्तविक स्वरूप अथवा आत्मा को जान लेना है जिसके जान लेने पर कुछ भी जानना शेष नहीं रहता। प्रत्येक व्यक्ति को जानना चाहिए कि भगवान् उसके अन्तर में हैं, वह भगवान् में है और भगवान् उसमें हैं। भगवत्प्राप्ति जीवन का परम लक्ष्य है। इस लक्ष्य से रहित मानव-जीवन व्यर्थ है, सार-रहित है।
ज्योति पथ की ओर

विद्यार्थी-जीवन में सफलता
बच्चों की शिक्षा राष्ट्र-निर्माण का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है; क्योंकि लोकोक्ति है कि बालक जो-कुछ पालने में सीखता है, अपने बचपन में जैसा स्वभाव बना लेता है,
विद्यार्थी-जीवन में सफलता

FLAMAING FAITH
No two situations are ever intrinsically alike. It is safe and sane to follow the spirit and not the example in toto. To follow in the footsteps of Mahatma Gandhi does not mean to do what he did-opposing the government and offering Satyagraha.
FLAMAING FAITH

THE HINDU BELIEVES AND MY MASTER AND I
Competence to express great spiritual truths is not every- body's forte, but it comes naturally to those who can be in tune with Him.
THE HINDU BELIEVES AND ...

Pointers On Vedanta
We are happy to present to the spiritual seekers this book which is chiefly an anthology of selected writings of H.H. Sri Swami Brahmanandaji Maharaj, a senior Mahatma of Sivananda Ashram ...
Pointers On Vedanta

त्याग शरणागति और आस्था का एक जीवन
जनवरी २००२ में उड़ीसा के कटक में द्वितीय अन्तर्राष्ट्रीय दिव्य जीवन संघ सम्मेलन सम्पन्न करने के उपरान्त परम पूज्य श्री स्वामी चिदानन्द जी महाराज शिवानन्द आश्रम (ऋषिकेश) लौटे। परम पूज्य गुरुदेव श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज के समाधि मन्दिर में सदैव की भाँति उन्होंने पुनः अपने पावन प्रवचनों की वर्षा प्रारम्भ की।
त्याग शरणागति और आस्था ..

हिंदू-पदपादशाही
'स्वधर्म राज्य-वृद्धिकारणे तुम्ही सुपुत्र निर्माण आहां।' (- स्वधर्म और राज्य-वृद्धि के कार्य हेतु तुम जैसे सुपुत्र का जन्म हुआ है।)...
हिंदू-पदपादशाही

Analects of Sri Swami Sivananda
His Holiness Sri Swami Sivanandaji Maharaj did not write text books as such.
Analects of Sri Swami...

BEAUTIES OF RAMAYANA
Srimad Ramayana is the very soul of India. The highest ideals of every Indian are enshrined and portrayed in this holy scripture. It is a complete guide to God-realisation, the path to which lies in righteousness.
BEAUTIES OF RAMAYANA

Bhakti Yoga
From his books you will derive not only the benefit of his wisdom and knowledge of both practical and esoteric matters pertaining to yoga, but also the power of his spiritual force.
Bhakti Yoga

भजन-कीर्तन
श्री स्वामी शिवानन्द जी का जन्म सन्त अप्पय्य दीक्षितार तथा अन्य अनेक प्रख्यात सन्तों तथा विद्वानों के कुलीन परिवार में ८ सितम्बर १८८७ को हुआ था। वेदान्त के अध्ययन तथा उसके व्यावहारिक पक्ष की ओर उन्मुख जीवन के प्रति उनमें जन्मजात झुकाव था। ...
भजन-कीर्तन

CHRIST-CONSCIOUSNESS
The 25th of April 2022 marks the auspicious occasion of the Birth Centenary of Worshipful Sri Swami Krishnanandaji Maharaj. To commemorate this sacred occasion, the Headquarters Ashram has decided to bring out booklets comprising the illuminating discourses of Worshipful Sri Swami Krishnanandaji Maharaj for free distribution.
CHRIST-CONSCIOUSNESS

HOW TO CULTIVATE VIRTUES AND ERADICATE VICES
Sri Swami Sivanandaji Maharaj. In this he has presented to the men and women of the present-day world a theme that is dearest to his heart and that would transform men into gods and nations into paradise on earth
HOW TO CULTIVATE ...

महान् जीवन की पथ-प्रदर्शिका
आध्यात्मिक पुस्तक भले ही बुद्धि को सन्तोष प्रदान करे या न करे, पर यह तो निश्चित ही है कि वह आत्मा तथा प्रज्ञा की आवश्यकताओं तथा माँगों की पूर्ति अवश्य करती है।
महान् जीवन की पथ-प्रदर्शिका

शोकातीत पथ
श्री स्वामी चिदानन्द अपने पूर्वाश्रम में श्रीधर राव के नाम से ज्ञात थे। उनका जन्म २४ सितम्बर १९१६ को हुआ। उनके पिता का नाम श्रीनिवास राव तथा माता का नाम सरोजिनी था। उनके पिता एक समृद्ध जींदार थे।
शोकातीत पथ

ANANDA GITA
A study and, what is more important, diligent practice of the lessons, would convince the reader ...
ANANDA GITA

Aitareya Upanishad
The philosophy taught by the Upanishads has been the source of solace for many both in the East and the West.
Aitareya Upanishad

ANANDA LAHARI.
To Our Divine Mother The Supreme Goddess Tripurasundari is This Work humbly dedicated
ANANDA LAHARI.

Varanasi Rediscovered
There is no other city in India which evokes as much interest in mindful tourists as the city of Varanasi.
Varanasi Rediscovered

SPIRITUAL LESSONS
Published by Swami Padmanabhananda for The Divine Life Society, Shivanandanagar, and printed by him at the Yoga-Vedanta Forest Academy Press,
SPIRITUAL LESSONS

Buddha Daily Readings
This compilation of the gospel of lord Buddha has been of great inspiration to me.
Buddha Daily Readings

CHRIST KRISHNA AND YOU
This compilation of the gospel of lord Buddha has been of great inspiration to me.
CHRIST KRISHNA AND YOU

PRACTICE OF BHAKTI YOGA
The present work, “Practice of Bhakti Yoga” is yet another of Sri Swamiji’s thrilling works.
PRACTICE OF BHAKTI YOGA

मुक्ति-पथ
'मुक्ति-पथ' नामक यह पुस्तक आत्म-संयम, मनोनिग्रह, एकाग्रता एवं ध्यान के द्वारा अन्तरात्मा के साक्षात्कार का सरल निरूपण है।
मुक्ति-पथ

सौ वर्ष कैसे जियें
इस छोटी-सी किन्तु विलक्षण रचना में श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज ने, जो एक कुशल चिकित्सक, दक्ष योगी, मनोवैज्ञानिक और एक सिद्ध ऋषि थे, मनुष्य को शतायु बनने के लिए कुछ चिकित्सकीय, यौगिक, वेदान्तिक, मनोवैज्ञानिक, आयुर्वेदिक और प्राकृतिक विधियों को बताया है। मनुष्य के पूर्ण स्वास्थ्य तथा दीर्घ आयु के लिए यह रचना अत्यन्त प्रेरक, सूचक और बहुमूल्य सिद्ध होगी।
सौ वर्ष कैसे जियें

सत्संग और स्वाध्याय
महाप्रभु श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज ने पावन सत्संग और स्वाध्याय पर विभिन्न स्थानों पर जो-कुछ विचार प्रकट किये हैं, उनका ही संकलन इस पुस्तक में प्रकाशित किया गया है।
सत्संग और स्वाध्याय

BHAGAVAD GITA
The Bhagavad Gita has been acclaimed to be a gospel of life. It has been translated into almost all the languages and has drawn the attention ...
BHAGAVAD GITA

Valmiki's Ramayana Daily Readings
Lord Sri Rama is Dharmavatara. The Supreme Brahman had come down to this mundane earth taking the form of Sri Rama
Daily Readings

स्वर योग
वर्तमान कुछ शताब्दियों में विज्ञान की अपार प्रगति के बाद भी यह जीवन सदा रहस्यमय है। यहाँ तक कि प्रवीण चिकित्सकों द्वारा की गयी शोधों के बाद भी यह रहस्य सुलझ नहीं सका है।
स्वर योग

ज्ञान गंगा
सेवा करो, स्नेह करो, देते रहो, शुद्ध रहो, ध्यान करो तथा अनुभव का संकलन करो। यह शब्द वस्तुतः सभी धर्मों के पावन ग्रन्थों के मूल तत्त्व हैं।
ज्ञान गंगा

ESSENCE OF VEDANTA
Vedanta is the crest-jewel of all schools of philosophical thought which preaches the Unity of Existence, or Oneness of Consciousness.
ESSENCE OF VEDANTA

Bhakti And Sankirtan
Bhakti is supreme love of God. It is the Kohinoor in the crown of devotees. It blossoms afterwards into Jnana. It leads to immortality or God-realisation.
Bhakti And Sankirtan

Bhagavadgita Explained
O Mother Gita, I meditate on Thee, because it was the Supreme Lord Himself who spiritually transmitted Thy teachings through His lotus-like lips to Arjuna in the midst of the battlefield of the Mahabharata War.
Bhagavadgita Explained

सत्संग भजन माला
यह पुस्तक 'सत्संग भजन माला' यहाँ की पूर्व-प्रकाशित पुस्तकों 'प्रार्थना-मंजरी' तथा 'शिवानन्दाश्रम-भजनावली' का संयुक्त तथा परिवर्धित रूप है। इसमें स्तोत्र, भजन आदि को नये क्रम से रखा गया है। जो गीत, भजन अथवा स्तोत्र जिस दिन गाये जाते हैं,
सत्संग भजन माला

नित्य वन्दना
वेदोक्त पुरुष सूक्त' महान् ऋषि नारायण द्वारा सृष्टि के विविध रूपों में अभिव्यक्त वैश्विक दिव्य सत्ता के दर्शन पर आधारित एक सर्वाधिक प्रभावशाली स्तुति मात्र ही नहीं है, अपितु यह एक सत्यान्वेषक को पराचेतना अर्थात् समाधि अवस्था में प्रवेश कराने का एक लघुमार्ग भी है।
नित्य वन्दना

योगवासिष्ठ की कथाएँ
योगवासिष्ठ इस विश्व की एक उत्कृष्ट पुस्तक है। केवल अद्वैत ब्रह्म का ही अस्तित्व है। यह विश्व तीनों कालों में नहीं है। केवल आत्मज्ञान ही मनुष्य को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त करेगा।
योगवासिष्ठ की कथाएँ

योगासन
योगासनों को जो महत्ता प्राप्त हुई है, उसका स्वरूप द्विविध है। आसन मात्र सर्वतोमुखी शारीरिक व्यायामों का समूह नहीं हैं, वे योगाभ्यास के प्रारम्भिक सोपान भी हैं।
योगासन

सद्गुणों का अर्जुन एवं दुर्गुणों का नाश किस प्रकार करें
ॐ समस्त अभिभावकों एवं शिक्षकों नेताओं एवं उपदेशकों को समर्पित जो करते हैं चरित्र-निर्माण नर एवं नारियों का
सद्गुणों का अर्जुन एवं ...

मूर्तिपूजा का दर्शन और महत्त्व
परम पूज्य सद्गुरुदेव श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज ने मूर्तिपूजा के दर्शन और महत्त्व से आध्यात्मिक जिज्ञासुओं को अवगत कराने के महान् प्रयोजन से “The Philosophy and Significance of Idol Worship' नामक इस ग्रन्थ की अँगरेजी भाषा में रचना की थी।
मूर्तिपूजा का दर्शन और महत्त्व

मैं इसका उत्तर दूँ?
यह पुस्तक परम पावन गुरुदेव श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज की विभिन्न प्रकाशित रचनाओं में से संकलित की गयी है, जिसमें उनकी तीस के दशक के अन्तिम भाग की कतिपय प्रारम्भिक कृतियाँ भी सम्मिलित की गयी हैं।
मैं इसका उत्तर दूँ?

गीता-प्रबोधिनी
श्रीमद्भगवद्गीता के सिद्धान्तों का सम्पूर्ण दृष्टिकोण इस पुस्तक में संघनित रूप में है। भगवद्गीता के सिद्धान्त सम्पूर्ण मानवता के लिए आध्यात्मिक विकास एवं साक्षात्कार हेतु हर युग के लिए सामान्य निर्देशन हैं;
गीता-प्रबोधिनी

भगवन्नाम की महिमा
मानव जन्म ऊर्ध्वगामी प्रगति का द्वार है। पशु-पक्षी, कीट-पतंग, अन्य प्राणी वर्ग में और मनुष्य के जीवन में यही अन्तर है।
भगवन्नाम की महिमा

मानसिक शक्ति
मानव-जीवन में विचारों, बुद्धि तथा संकल्प-शक्ति की भूमिका मूल्यवान् है। यह पुस्तक विचार-शक्ति के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालती है तथा मानव-बुद्धि और संकल्प-शक्ति को एक सम्यक् दिशा प्रदान करती है। इस दृष्टि से यह पुस्तक भी मूल्यवान् है।
मानसिक शक्ति

मरणोत्तर जीवन और पुनर्जन्म
मरणोपरान्त जीवन के समस्त रहस्यों को उद्घाटित करने वाले भगवान् यम, मार्कण्डेय, नचिकेता, सावित्री और भगवान् शिव के शाश्वत परिचारी नन्दी को समर्पित !
मरणोत्तर जीवन और पुनर्जन्म

दिव्योपदेश
इस जटिल विश्व में जीवन एक अबोध्य रहस्य है जो इस संसार तथा ईश्वर-दोनों को ही युगपत् स्पर्श करता है।
दिव्योपदेश

साधना का मार्गदर्शन
परम आराधनीय श्री स्वामी चिदानन्द जी महाराज की जन्मशती के पुनीत अवसर की निर्दिष्ट शुभतिथि २४ सितम्बर २०१६ है।